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सोमवार, 12 दिसंबर 2016

युवाओं की सशक्त और सजग भागीदारी से ही राष्ट्र बनेगा समृद्ध : यादव समाज का प्रतिभा सम्मान समारोह



कोई भी समाज अपनी होनहार प्रतिभाओं के बलबूते ही समृद्ध होता है और उन प्रतिभाओं प्रतिभाओं का सम्मान करने से उनका मनोबल बढ़ता है एवं समाज प्रगति के पथ पर अग्रसर होता है। उक्त उद्गार पूर्व सांसद एवम राजस्थान यादव महासभा  अध्यक्ष डॉ. कर्ण सिंह यादव ने यादव (अहीर) समाज, जोधपुर  द्वारा गाँधी शांति प्रतिष्ठान, जोधपुर में 27 नवम्बर, 2016  को आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये। डॉ. कर्ण सिंह ने अपने उद्बोधन में बालिका शिक्षा और देश निर्माण में उनकी बढ़ती महती भूमिका की चर्चा करते हुये समाज में उनके नये कर्तव्य निर्माण की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।




समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि युवाओं की  सशक्त और सजग भागीदारी ही समाज और राष्ट्र को समृद्ध बना सकती है। महान् कर्मयोगी भगवान् श्री कृष्ण ने गीता में इसीलिए कर्म के भाव को ही अपनाने पर जोर दिया। ऐसे में युवाओं की महती जिम्मेदारी है कि वे अपनी इस भूमिका को पहचानें  और इस दिशा में सकारात्मक पहल करते हुए नए आयाम रचें। जोधपुर के जिला शिक्षा अधिकारी श्री मोहनलाल यादव ने शिक्षा और समाज विकास के सम्बन्ध को बताते हुए शिक्षा और कौशल विकास से  समाज व  राष्ट्र निर्माण की चर्चा की।









इस अवसर पर यादव (अहीर) समाज द्वारा पश्चिमी राजस्थान के विभिन्न जिलों के उच्चतर कक्षाओं में उत्कृष्ट स्थान प्रदान करने वाले विद्यार्थियों, शिक्षा, चिकित्सा, इंजीनियरिंग और विभिन्न सरकारी सेवाओं में चयनित प्रतिभाओं, राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर विभिन्न खेलों में स्थान पाने वाली प्रतिभाओं, समाज सेवा में तत्पर और भामाशाहों सहित कुल 190 प्रतिभाओं को  पूर्व सांसद डॉ. कर्ण सिंह यादव  और निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने सम्मानित किया। आजीवन सदस्यता ग्रहण  करने वाले सदस्यों को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।


कार्यक्रम संयोजक डॉ. रामरतन यादव ने बताया कि समाज के भावी कार्यक्रमों में छात्रावास निर्माण, मेडिकल कैम्प, नवयुवक-नवयुवती परिचय सम्मलेन के  आयोजन किया जायेगा।

कार्यक्रम में स्वागत संबोधन और कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में  यादव समाज के अध्यक्ष डॉ. शैलेष यादव और सचिव श्री परविन्दर यादव,  आभार ज्ञापन  कर्नल  पी.सी. यादव एवम  कार्यक्रम का संचालन श्री नन्द किशोर द्वारा किया गया। 

समारोह में श्री रामनेरश यादव, निदेशक, वाई.सी.एल., श्री बी.एस. यादव, प्रधानाचार्य डी.पी.एस स्कूल, जोधपुर,  श्री निहाल सिंह, श्री गोपाल यादव, श्री सुरेश यादव , मदन सिंह यादव सहित यादव समाज के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
(प्रस्तुति : -डॉ. शैलेष यादव, अध्यक्ष - यादव (अहीर) समाज, जोधपुर , राजस्थान)





बुधवार, 9 नवंबर 2016

आधुनिक दौर में बच्चों में अध्ययन के साथ-साथ रचनात्मकता होना बहुत जरूरी- कृष्ण कुमार यादव


आधुनिक दौर में बच्चों में अध्ययन के प्रति समर्पण के साथ-साथ रचनात्मकता होना भी बहुत जरूरी है। यह रचनात्मकता ही हमें जिज्ञासु बनाती है और संवेदनशीलता को बरकरार रखती है। इसके लिए हमारे भीतर का बचपन जिन्दा रहना चाहिए। उक्त उद्गार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएँ एवं चर्चित साहित्यकार व ब्लॉगर श्री कृष्ण कुमार यादव ने 8 नवम्बर, 2016 को राजस्थान साहित्य परिषद् की ओर से पुलकित सीनियर सैकण्डरी स्कूल, हनुमानगढ़  में आयोजित पुस्तक लोकार्पण समारोह में वरिष्ठ बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा की चार बाल पुस्तकों का लोकार्पण करते हुए कहीं। 

बोधि प्रकाशन, जयपुर द्वारा  प्रकाशित चारों पुस्तकों  हिन्दी बाल गीत-‘चिडिय़ा चहके गीत सुनाए’, शिशु गीत-‘रसगुल्ला’, बाल कहानियां-‘मित्र की मदद’ तथा राजस्थानी बाल गीत-‘दिवळो कोई जगावां’ के लोकार्पण अवसर पर उपस्थित विद्यार्थियों और स्कूली बच्चों से रूबरू होते हुए  निदेशक डाक सेवाएँ एवं चर्चित साहित्यकार व ब्लॉगर श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि हमें मात्र रूटीनी गतिविधियाँ करके रोबोट नहीं बनना। किताबी पढ़ाई बहुत कुछ है लेकिन यह ही सब कुछ नहीं है। असली संसार तो इन किताबों से बाहर बसता है, जिसे कवि, लेखक और साहित्यकार अपने खूबसूरत शब्दों के माध्यम से पन्नों के दायरे में बाँधने की कोशिश करते हैं और हम सबसे रूबरू करवाते हैं। 

श्री कृष्ण कुमार यादव ने वर्तमान दौर में बच्चों के मन में चल रहे अन्तर्दन्द्धों और सपनों को बाहर लेन की बात कही। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों और न्यूज चैनलों पर अक्सर देखते और पढ़ते हैं कि अमुक जगह पर किसी बच्चे ने फेल होने पर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या किसी समस्या का हल नहीं है। पढ़ाई के अलावा भी बहुत कुछ है। किसी बच्चे को खेल में, किसी को पेण्टिंग या ड्राइंग में तो किसी को संगीत आदि में रूचि होती है। हमें अपनी रूचियों को बढ़ावा देते हुए इसमें और आगे बढऩा चाहिए। 

श्री यादव ने कहा कि बाल साहित्यकार के रूप में दीनदयाल शर्मा ने तमाम खूबसूरत कृतियाँ रची हैं और इन रचनाओं में हमारा-आपका सभी का बचपन जीवंत होता है।  इनकी रचनाओं में सहजता है और बाल सुलभता है। बच्चों से संवाद करती इन बाल रचनाओं ने दीनदयाल शर्मा जी को सिर्फ राजस्थान ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई है। श्री यादव ने आशा व्यक्त की कि सेवानिवृत्त  होने के बाद दीनदयाल शर्मा बाल-साहित्य के लिए और भी समय निकल सकेंगें और उनके मार्गदर्शन में तमाम भावी बाल साहित्यकार भी पैदा होंगे। 





लोकार्पण के मौके पर पुस्तकों के रचनाकार दीनदयाल शर्मा ने लोकार्पित पुस्तकों से कुछ कविताएं भी सुनाईं। कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य अतिथि निदेशक डाक सेवाएं एवं वरिष्ठ साहित्यकार कृष्णकुमार यादव को माल्यार्पण करके श्रीफल भेंट किया गया तथा शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में स्कूल के प्रधानाचार्य राजेश मिढ़ा ने अतिथियों को धन्यवाद देते हुए आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन सुदर्शन सामरिया, जोधपुर ने किया।
(प्रस्तुति - दीनदयाल शर्मा, संपादक -टाबर टोली, हनुमानगढ़, राजस्थान)






सोमवार, 7 नवंबर 2016

साहित्य समिति ने किया डाक विभाग के निदेशक व साहित्यकार कृष्ण कुमार यादव का अभिनंदन

प्रशासन के साथ साहित्य का अद्भुत संगम विरले ही देखने को मिलता है। इसके बावजूद तमाम प्रशासनिक अधिकारी अपनी व्यस्तताओं के मध्य हिन्दी साहित्य को समृद्ध कर रहे हैं। उक्त उद्गार साहित्य समिति, सादुलपुर, चूरू द्वारा निराला अस्पताल में राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएँ एवं साहित्यकार श्री कृष्ण कुमार यादव के सम्मान एवं अभिनंदन के दौरान वक्ताओं ने व्यक्त किये। 
साहित्य समिति के मंत्री  अनिल शास्त्री ने कहा कि डाक विभाग में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी होने के साथ ही श्री कृष्ण कुमार यादव राष्ट्रीय स्तर के खयातनाम साहित्यकार भी हैं, ऐसे में उनका सम्मान हमारे लिए गौरव की बात है।
इस अवसर पर श्री यादव की पत्नी एवं अग्रणी महिला ब्लॉगर व लेखिका आकांक्षा यादव का भी लाजवंती घोटड व गायत्री बैरासर ने प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। वहीं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामकुमार घोटड ने समिति की गतिविधियों पर चर्चा करते हुए इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि श्री कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव युगल रूप में हिन्दी साहित्य को समृद्ध करते हुए विभिन्न विधाओं में निरंतर लेखन कर रहे हैं। 

इस अवसर पर साहित्यकार संतोष कुमार जांगिड़, सत्यभान पूनियाँ, अनिता सोनी ने अपनी साहित्य कृतियां श्री कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव को भेंट की। इसके अलावा लघुकथा त्रैमासिक पत्रिका ‘सारा’ की हाल ही में प्रकाशित लघुकथा विशेषांक की प्रति भेंट की गई। कार्यक्रम में स्थानीय डाकपाल बलवीर सिंह, रामवतर बैरासरिया, पुरुषोत्तम  देव पाण्डिया, सुनील अग्रवाल, सांवरमल भार्गव, विजय कुमार सोनी आदि ने भी श्री यादव का अभिनंदन किया। कार्यक्रम का संचालन अनिल शास्त्री ने किया। 
(प्रस्तुति : अनिल शास्त्री, मंत्री- साहित्य समिति, सादुलपुर, चूरू-राजस्थान)






मंगलवार, 1 नवंबर 2016

हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं में बढ़ती साहित्यिक और लेखकीय चोरी

साहित्यिक/लेखकीय चोरी दिनों-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। इधर कई पत्र-पत्रिकाओं में अपनी रचनाएँ दूसरों के नाम से प्रकाशित देखीं। जरूरत, हम सभी को सतर्क रहने की है। फिर चाहे वह लेखक हो या संपादक।  इंटरनेट के इस दौर में सतही लोग धड़ल्ले से लोगों की रचनाएँ कॉपी-पेस्ट करके अपने नामों से प्रकाशित करा रहे हैं।

फ़िलहाल, कोलकाता से प्रकाशित हिन्दी पत्रिका 'द वेक' (संपादक - श्रीमती शकुन त्रिवेदी) के सितंबर-2016 अंक में मेरे लेख "अंडमान-निकोबार में समृद्ध होती हिन्दी" को किसी कुहेली भट्टाचार्जी के नाम से प्रकाशित किया गया है।
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जब हमने इसे 3 अक्टूबर, 2016  को फेसबुक पर शेयर किया तो पाठकों की प्रतिक्रिया गौरतलब थी -

बेहद शर्मनाक ! कभी बंगाल या कोलकाता अपनी बौद्धिकता के लिए जाना जाता था। यहाँ के लोग साहित्य में भी अग्रदूत थे। और अब यहाँ की पत्रिकाएं और लेखक इस स्तर पर उतर आये हैं।

सर ! आपका लेख चोरी किया जा सकता है, पर आपका कृतित्व नहीं।

आपके पास मौलिक रचना है। ऐसे झूठे लोगो को आइना दिखाया जा सकता है। आप के पास अपनी मूल रचना का copyright law के तहत एकाधिकार होने की सूरत में ही कानूनी कार्यवाही के लिए आगे बढ़ा जा सकता है।

हाहाहा आप के लेख की भी चोरी ,जानती नहीं होंगी डाक विभाग हमेशा सचेत रहता है।

साहित्य और लेखन में ऐसी घृणित चोरी निंदनीय है। आप पत्रिका के संपादक को भी इस बारे में बताइये।

Chori unhi Cheezon ki hoti hai Jo churayi ja sakti hain...sub kuch to chura loge e zamane walon magar WO "Attitude" kahan se laoge Jo Ek gift hai by birth...Have a great day Sir

कॉपी राईट एक्ट और मजबूत होना चाहिए

यह एक गलत प्रचलन है। इसके लिए कुछ आवश्यक कदम उठाये जा सकते हैँ।

पत्रिका के नाम कानूनी कार्रवाई करने का लेटर भेजिए...होश ठिकाने आ जाएंगे...

सोमवार, 31 अक्तूबर 2016

सोशल मीडिया पर लिखी गई पोस्टों के बीमा के लिए तत्पर हैं बीमा कंपनियाँ

(अनवरत काल से चली आ रही साहित्य, कला, संस्कृति से जुड़ी तमाम विधाओं का बीमा भले ही न हुआ हो, पर सोशल मीडिया पर लिखी गई पोस्टों के बीमा के लिए बीमा कंपनियाँ तत्पर हैं। बाजार हर चीज को अपने दायरे में लेना चाहता है........ )

सोशल मीडिया पर किसी घटना, विषय या किसी व्यक्ति के बारे में खुलकर अपनी बात लिखने वालों को अब डरने के जरूरत नहीं है। क्योंकि उनके खिलाफ यदि कोई मानहानि का केस करता है तो इंश्योरेंस कंपनी उस व्यक्ति को कवर देगी। कंपनी केस साबित करने वाले व्यक्ति को क्लेम की पूरी रकम देगी। अभी भारत में सोशल मीडिया यूजर्स का इंश्योरेंस नहीं होता है। 

देश की ऐसी पहली इंश्योरेंस पॉलिसी लाने पर निजी कंपनी बजाज आलियांज काम कर रही है। इसके बारे में कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर तपन सिंहल ने जानकारी दी है। उनका कहना है, ‘यदि किसी व्यक्ति को सोशल मीडिया पर किसी पोस्ट या कमेंट की वजह से मुकदमा झेलना पड़े और मुआवजा देने की नौबत आए तो साइबर इंश्योरेंस इस लागत को कवर करेगा। हमारी कंपनी व्यक्तिगत साइबर कवर डिजाइन कर रही है। यह कॉर्पोरेट्स के लिए वर्तमान में मौजूद साइबर इंश्योरेंस कवर जैसा ही होगा। बीमा कराने वाले व्यक्ति को दिए जाने वाले साइबर कवर में उसकी साख, डाटा सेंध और किसी निजी, वित्तीय या संवेदनशील जानकारी चोरी हो जाने के मामले में कवर मिलेगा। इंटरनेट यूजर्स की बढ़ती संख्या और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के बढ़ते चलन की वजह से नए खतरे पैदा हुए हैं। सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर काफी मात्रा में निजी जानकारी मौजूद है। व्यक्तिगत साइबर इश्योरेंस पॉलिसी के तहत फिशिंग, आइडेंडिटी थेफ्ट, साइबर स्टाकिंग, शोषण और बैंक अकाउंट्स की हैकिंग को कवर किया जाएगा। अभी साइबर इश्योरेंस आईटी फर्मों, बैंकों, ई-कॉमर्स और फार्मस्यूूटिकल कंपनियों को बेचे जाते हैं। इसके तहत कॉर्पाेरेट्स को प्राइवेसी और डाटा ब्रीच, नेटवर्क सिक्योरिटी दावों और मीडिया देनदारी का कवर मिलता है।’ भारत में कॉर्पोरेट्स कंपनियों द्वारा साइबर कवर लेने का चलन पिछले कुछ सालों में बढ़ा है। देश में पिछले तीन साल से ऐसी पॉलिसी उपयोग हैं। इंडस्ट्री के अनुमान के मुताबिक, ऐसी करीब 500 पॉलिसीज ली गई हैं। 

भारत में 1000 करोड़ रु. का साइबर बाजार 

एकअनुमान के मुताबिक, भारत में साइबर बीमा का बाजार करीब 1,000 करोड़ रुपए का है। यह दायित्व बाजार के 7 से 10 फीसदी हिस्सों को कवर करता है। देश में इंटरनेट यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसमें सबसे ज्यादा नए इंटरनेट यूजर्स का झुकाव सोशल मीडिया की तरफ होता है। अमेरिका के बाद भारत में इंटरनेट यूजर्स के लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा देश है। कुछ साालों में भारत पहले स्थान पर होगा। 
-कृष्ण कुमार यादव @ शब्द-सृजन की ओर
Krishna Kumar yadav @ http://kkyadav.blogspot.in/