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शुक्रवार, 30 मई 2014

मासूम सवाल


माँ 6 साल के बच्चे को पीटते हुये बोली,
"नालायक, तूने भँगी के घर
की रोटी खायी, तू भँगी हो गया, तूने
अपना धर्म भ्रष्ट कर लिया. अब
क्या होगा?
.
.
बच्चे का मासूम सवाल : 
माँ, मैने तो एक
बार उनके घर की रोटी खाई,
तो मैं भँगी हो गया, ।
लेकिन वो लोग
तो हमारे घर की रात
की बची रोटी बर्षो से खा रहे हैं,
तो वो ब्राह्राण क्यों नही हो पाये ??


( व्हाट्स ऎप पर प्राप्त एक पोस्ट, जिसे आप सभी के साथ शेयर कर रहा हूँ। )

रविवार, 18 मई 2014

लोकतंत्र के चतुर्थ स्तम्भ के पहरुए पत्रकारों की सुरक्षा बेहद जरुरी - कृष्ण कुमार यादव

पत्रकार लोकतंत्र के चतुर्थ स्तम्भ के पहरुए हैं और उनकी सुरक्षा बेहद जरुरी है। यह एक अजीब संयोग है कि जो पत्रकार लोगों की आवाज़ उठाते हैं, अपने ही मामले में शांत रह जाते हैं।  उक्त उद्गार हिंदुस्तानी एकेडमी, इलाहाबाद में 14 मई, 2014 को  'प्रयाग प्रेस क्लब’ एवं 'उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (उपजा)' के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं एवं चर्चित साहित्यकार व् सोशल मीडिया एक्टिविस्ट श्री कृष्ण कुमार यादव ने व्यक्त किया। श्री यादव ने कहा कि प्रयाग प्रेस क्लब ने जिस कार्य के लिए इस संगठन का गठन किया है, वह बहुत ही सराहनीय कार्य है। आज पत्रकारों की सबसे अहम समस्या आवास की है और पत्रकारों को आवास उपलब्ध कराने का जो बीड़ा प्रयाग प्रेस क्लब ने उठाया है, वह काबिलेतारीफ है। इस अवसर पर प्रयाग प्रेस क्लब’ की तरफ से  अध्यक्ष श्री पवन कुमार द्विवेदी ने श्री कृष्ण कुमार यादव का माल्यापर्ण द्वारा एवं शाल ओढ़ाकर सम्मान भी किया। कार्यक्रम के दौरान इलाहाबाद परिक्षे़त्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने  शहर के कई वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मानित किया । 

प्रयाग प्रेस क्लब के अध्यक्ष पवन कुमार द्विवेदी और महामंत्री भूपेश सिंह ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव के अलावा  वरिष्ठ पत्रकार सुनील कुमार शुक्ला, वरिष्ठ पत्रकार आनन्द नारायण शुक्ला, वरिष्ठ पत्रकार के सी मौर्या, नचिकेता नारायण, संजय कुमार को माल्यार्पण कर एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार सुनील कुमार शुक्ला ने कहा कि आज पत्रकारों की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण हो गयी है, प्रयाग प्रेस क्लब की ओर से पत्रकारों का जो दुर्घटना बीमा कराया गया है, वह वास्तव में संगठन का सराहनीय कार्य है। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार आनन्द नारायण शुक्ला, के सी मौर्या, नचिकेता नारायण ने कहा कि यह ऐसा पहला पत्रकार संगठन है, जिसने पत्रकारों के हित के बारे में सोचा है। प्रयाग प्रेस कलब के अध्यक्ष, महामंत्री समेत सभी पदाधिकारी इसके लिए धन्यवाद के पात्र हैं। प्रयाग प्रेस क्लब के अध्यक्ष पवन कुमार द्विवेदी ने नवगठित प्रयाग प्रेस क्लब के बारे में बताते हुए आगामी योजनाओं की घोषणा की। 

मुख्य अतिथि इलाहाबाद परिक्षे़त्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने  इस मौके पर तमाम पत्रकारों और फोटो जर्नलिस्ट्स को बीमा बांड वितरित किया। मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों के हाथों बीमा बांड ग्रहण करने वालों में वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश मिश्रा, पवन कुमार द्विवेदी, भूपेश सिंह, कुन्दन श्रीवास्तव, संजय कुमार, संदीप कुमार दुबे, सूर्य प्रकाश त्रिपाठी, वरिष्ठ छायाकार विभु गुप्ता, रंजन मिश्रा, नवीन सारस्वत, अनुराग शुक्ला, जितेन्द्र प्रकाश, भीम सिंह यादव, अनूप रावत, सत्यम श्रीवास्तव, दिलीप गुप्ता, विनोद कुमार, पत्रकार नागेन्द्र सिंह, अंजनी श्रीवास्तव, विद्याकांत मिश्रा, मनीष द्विवेदी, अमरदीप चौधरी, संतोष जायसवाल, वीरेन्द्र द्विवेदी, अनुराग तिवारी, गौरव केशरवानी, चन्द्रशेखर सेन, देवेन्द्र त्रिपाठी, संतोष तिवारी, सलीम अहमद, प्रदीप गुप्ता, रोहित शर्मा, अमरजीत सिंह, इरफान खान समेत 151 पत्रकार शामिल हैं। वहीं इस मौके पर अतिथियों को उपजा द्वारा प्रकाशित डायरेक्टरी भी वितरित की गयी। समारोह का संचालन वरिष्ठ पत्रकार मनीष द्विवेदी एवं धन्यवाद ज्ञापन अध्यक्ष पवन कुमार द्विवेदी ने किया। 



















रविवार, 11 मई 2014

माँ का आँचल


मेरा प्यारा सा बच्चा
गोद में भर लेती है बच्चे को
चेहरे पर नजर न लगे
माथे पर काजल का टीका लगाती है
कोई बुरी आत्मा न छू सके
बाँहों में ताबीज बाँध देती है।

बच्चा स्कूल जाने लगा है
सुबह से ही माँ जुट जाती है
चौके-बर्तन में
कहीं बेटा भूखा न चला जाये।
लड़कर आता है पड़ोसियों के बच्चों से
माँ के आँचल में छुप जाता है
अब उसे कुछ नहीं हो सकता।

बच्चा बड़ा होता जाता है
माँ मन्नतें माँगती है
देवी-देवताओं से
बेटे के सुनहरे भविष्य की खातिर
बेटा कामयाबी पाता है
माँ भर लेती है उसे बाँहों में
अब बेटा नजरों से दूर हो जायेगा।

फिर एक दिन आता है
शहनाईयाँ गूँज उठती हैं
माँ के कदम आज जमीं पर नहीं
कभी इधर दौड़ती है, कभी उधर
बहू के कदमों का इंतजार है उसे
आशीर्वाद देती है दोनों को
एक नई जिन्दगी की शुरूआत के लिए।

माँ सिखाती है बहू को
परिवार की परम्परायें व संस्कार
बेटे का हाथ बहू के हाथों में रख
बोलती है
बहुत नाजों से पाला है इसे
अब तुम्हें ही देखना है।

माँ की खुशी भरी आँखों से
आँसू की एक गरम बूँद
गिरती है बहू की हथेली पर।  

- कृष्ण कुमार यादव 
https://www.facebook.com/krishnakumaryadav1977

गुरुवार, 1 मई 2014

वोट उसे जिसका जनसरोकारों से जुड़ाव व साफ सुथरी छवि : कृष्ण कुमार यादव



चुनावी सरगर्मी चरम पर है। सभी दल व प्रत्याशी जनता को लुभाने के लिए बढ़चढ़कर वादे कर रहे हैं। मतदाताओं के सामने अहम चुनौती है कि किसको चुने और किसको नकारे ? हमारा सांसद न केवल संसद में हमारे क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है वरन हमारी रोजमर्रा की दुश्वारियों को दुरूस्त करने व बेहतर कल के निर्माण का जिम्मा भी उसके ही साथ में होता है। ऐसे में बिना समझे-बूझे अपने प्रतिनिधित्व का जिम्मा किसी के भी हाथ में दे देना समझदारी नहीं कहीं जा सकती है। योग्य प्रतिनिधि का चुनाव भी ठोक बजाकर करना चाहिए।

जनता को अपने मताधिकार का प्रयोग करते समय पार्टी, प्रत्याशी और मुद्दों में एक संतुलन बनाना चाहिए। कई बार होता है हम अपने जानने वाले को वोट दे देते हैं। यह अच्छी स्थिति नहीं है। हमें चुनाव में खड़े उम्मीदवारों में यह देखना पड़ेगा कि उसमें से कौन ऐसा है जो हमारी स्थानीय समस्याओं के साथ राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर संसद में आवाज उठा सकता है। सांसद का काम सिर्फ हैंडपंप लगवाने तक सीमित नहीं होता। इसलिए यह देखना चाहिए कि हमारा प्रतिनिधि राष्ट्रीय स्तर पर बनने वाली नीतियों के निर्माण में कितनी भागीदारी कर सकता है? कौन ऐसा प्रत्याशी है जो जनता की बात को समझता हो और जनता के बीच में रहता है। यह अहम नहीं कि हम जिसे वोट दे रहे उससे जुड़ी पार्टी की सरकार बनती है या वह विपक्ष में बैठता है। कोई व्यक्ति विपक्ष में बैठकर भी ज्यादा प्रभावी हो सकता है। इसलिए जिसको भी वोट दिया जाये उसकी छवि साफ-सुथरी हो तथा वह जनसरोकारों से जुड़ा हो।

-कृष्ण कुमार यादव
https://www.facebook.com/krishnakumaryadav1977


( साभार : डेली न्यूज एक्टिविस्ट, 30 अप्रैल 2014)